Wednesday, 10 January 2018

मन की तरंग मार लो बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो
मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन।।
आये हो तुम कहां से, अब जा रहे कहां।
इतना तो दिल विचार लो, बस हो गया भजन।।
कोई तुम्हें बुरा कहे, तू कर उसे क्षमा।
वाणी अगर संभाल लो, बस हो गया भजन।
नेकी सभी के साथ में, बन जाये तो करो।।
मन से वेदी विसार दो, बस हो गया भजन।।
कहना है साफ-साफ सत्गुरू 'कबीर' का।
निज रूप को निहार लो, बस हो गया भजन।।

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