राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोल
जीवन में अमृत रस घोल।
राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोल।।
जपले तू हरि नाम की माला
ये पल फिर नहीं आने वाला
मानव जनम बड़ा अनमोल, राधे.......
जाग बाबरे अब तो जाग
लोभ ईर्ष्या मन से त्याग
सेया बहुत अब अंखियां खोल, राधे........
क्या काटा क्या बोया तूने
क्या पाया क्या खोया तूने
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