Wednesday, 10 January 2018

मिला दो श्याम से ऊधौ तेरा गुन हम भी गायेंगे

मिला दो श्याम से ऊधौ
मिला दो श्याम से ऊधौ तेरा गुन हम भी गायेंगे।
गोकुल को छोड़कर जब से गए वापिस नहीं आये।
खता क्या हो गई हमसे अरज अपनी सुनायेंगे।।
प्रीति पहले लगा करके विसारा नन्द-नन्दन ने
चरण में शीष धर- धर के हम उनको मनायेंगे।
फिर कभी आओ गोकुल में हमें दर्शन दिला देना।
वो ब्रम्हानन्द फिर दिल से न हम उनको भुलायेंगे।।

मोहे तो भरोसो है तिहारो

मोहे तो भरोसो है तिहारो
मोहे तो भरोसो है तिहारो री किशोरी राधे
भुक्ति-मुक्ति नहीं मांगत केवल
अपनो जान निहारो री किशोरी राधे
हों जस अधम तुम ही एक जानत
और न जान तिहारो री किशोरी राधे
पुनि कहां रह अवकाश विषय को
चार पदारथ खारो री किशोरी राधे
तुम कृपाल सरकार हमारी
प्यार करो या मारो री किशोरी राधे


मन की तरंग मार लो बस हो गया भजन

मन की तरंग मार लो
मन की तरंग मार लो, बस हो गया भजन।
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन।।
आये हो तुम कहां से, अब जा रहे कहां।
इतना तो दिल विचार लो, बस हो गया भजन।।
कोई तुम्हें बुरा कहे, तू कर उसे क्षमा।
वाणी अगर संभाल लो, बस हो गया भजन।
नेकी सभी के साथ में, बन जाये तो करो।।
मन से वेदी विसार दो, बस हो गया भजन।।
कहना है साफ-साफ सत्गुरू 'कबीर' का।
निज रूप को निहार लो, बस हो गया भजन।।

Tuesday, 9 January 2018

हंसी उड़ाये चाहे सारी दुनिया

हंसी उड़ाये चाहे सारी दुनिया
हंसी उड़ाये चाहे सारी दुनिया मैं तो बनी रे जोगनियां
मैं तो गिरधर के गुणानवान गाऊं रे,
नित उठ माखन का भोग  लगाऊं रे,
तू मोहन में मोहनियां ।। मैं तो......
तेरे लिए मैंने तो शरम- लाज छोरी रे,
तेरे संग जोड़ी तो जगत संग तोड़ी रे,
मन में वासी है तेरी सुरतिया ।। मैं तो.....


कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला

कोई कहे गोविंदा
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला
मैं तो कहूं सांवरिया बांसुरी वाला, कोई.......
राधा ने श्याम कहा मीरा ने गिरधर
कृष्णा ने कृष्ण कहा, कुब्जा ने नटवर
ग्वालों ने पुकारा कहकर के ग्वाला, कोई.....
मैया तो कहती थी तुमको कन्हैया
घनश्याम कहते थे बलराम भैया
सूर की आंखों के तुम थे उजाला, कोई......
भीष्म के बनवारी अर्जुन के मोहन
छलिया जो कहकर बुलाया दुर्योधन
कंस तो कहता था जलकर के काला, कोई......

Monday, 8 January 2018

गुरू वन्दना

गुरू वन्दना
हे मेरे गुरुदेव करूणा सिंधु करूणा कीजिये।
हूं अधम आधीन अशरण अब शरण में लीजिये।।
खा रहा गोते हूं में भव सिन्धु के मझधार में।
आसरा है दूसरा कोई न अब संसार में।। हे मेरे.....।।
मुझमें है जप तप न साधन  और नहीं कुछ ज्ञान है।
निर्लज्जता है एक बाकी और सब अभिमान है।। हे मेरे.....।।
पाप बोझे से लदी नैया भंवर में आ रही।
नाथ दौडों अब बचाओ जल्द डूबी जा रही।। हे मेरे.....।।
आप भी यदि छोड़ देंगे फिर कहां जाऊंगा मैं।
जन्म दु:ख से नाव कैसे पार कर पाऊंगा मैं।। हे मेरे.....।।
सब जगह 'मंजुल' भटक कर ली शरण अब आपकी।
पार करना या न करना दोनों मर्जी आपकी।। हे मेरे.....।।

सन्तन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी

सन्तन के संग लाग रे
सन्तन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी।
अच्छी बनेगी, तेरी किस्मत जगेगी।
ध्रुव की बन गई, प्रहलाद की बन गई।
राम चरन अनुराग रे, तेरी अच्छी.........
कागा से तोहे हंसा कहिं
हरि सुमिरन में लाग रे, तेरी अच्छी......
मोह निशा में बहुत दिन सोया
जाग सके तो जाग रे, तेरी अच्छी......
कहत कबीर सुनो भाई साधु
राम भजन में लाग रे, तेरी अच्छी........




मिला दो श्याम से ऊधौ तेरा गुन हम भी गायेंगे

मिला दो श्याम से ऊधौ मिला दो श्याम से ऊधौ तेरा गुन हम भी गायेंगे। गोकुल को छोड़कर जब से गए वापिस नहीं आये। खता क्या हो गई हमसे अरज अ...