Monday, 8 January 2018

भगवान् तुम्हारी गीता में

भगवान् तुम्हारी गीता में
जाने क्या जादू भरा हुआ, भगवान् तुम्हारी गीता में।
मन चमन हमारा हरा हुआ, भगवान् तुम्हारी गीता में।।
जब शोक-मोह में घिर जाये, तब गीता वचन हृदय लायें।
सारा ब्रह्माण्ड तरा हुआ भगवान् तुम्हारी गीता में।।
गीता सवर्णों की प्यारी है श्रुति वेदों की अधिकारी है।
युग-युग में रस ये भरा हुआ भगवान् तुम्हारी गीता में।

Sunday, 7 January 2018

तेरा पल-पल बीता जाय

तेरा पल- पल बीता जाय
तेरा पल-पल बीता जाय, मुख से जप ले नमः शिवाय।
शिव-शिव तुम हृदय से बोलो, मन-मन्दिर का परदा खोलो।
तेरा अवसर न खाली जाये।।
ये दुनिया पंक्षी का मेला, समझो उड़ जाना है अकेला
तेरा तन-मन साथ न जाय।
मुसाफिरी जब पूरी होगी, चलने की मजबूरी होगी
तेरा पिंजरा प्राण रह जाय।
शिव पूजन में मस्त बने जा, भक्ति सुधारस पान किए जा
दर्शन विश्वनाथ के पाय।।


तोरा मन दर्पण कहलाए

तोरा मन दर्पण कहलाए
तोरा मन दर्पण कहलाए
भले बुरे सारे कर्मों को देखें और दिखाये।।
मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा न कोय।
मन उजियारा जब-जब फैले, जग उजियारा होय।
मन के इस दर्पण पर प्राणी, धूल न जमने पाए।। तोरा......
दु:ख की छाया सुख की कलियां, मन सबका आधार,
मन से कोई बात न पूछे, मन के नैन हजार
जग से कोई भाग ले चाहे, मन से भाग न पाए।। तोरा.....

Saturday, 6 January 2018

राधे गोविंदा भजो राधे गोविंदा

राधे गोविंदा भजो राधे गोविंदा
राधे गोविंदा भजो राधे गोविंदा।
मन में है बसी बस चाह यही।
नित नाम तुम्हारा उचारा करूं।।
भर में दृप पात्रों में प्रेम का जल।
पद पंकज नाथ पखारा करूं।।
बन प्रेम पुजारी तुम्हारा प्रभु।
नित आरती भव्य उतारा करूं।।
तेरे भक्तों की भक्ति करूं में सदा।
तेरे चाहने वालों को चाहा करूं।।
राधे गोविंदा भजो राधे गोविंदा।
राधे गोविंदा भजो वृन्दावन चंदा।।


तुम बिन मोरी कौन खबर ले

तुम बिन मोरी कौन खबर ले
तुम बिन मोरी कौन खबर ले
मोर मुकुट सिर छत्र विराजे
कुंडल की छवि न्यारी, तुम बिन.......
वृन्दावन में धेनु चरावें
वंशी बजायें गिरधारी, तुम बिन.......
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
चरण कमल पे बलिहारी, तुम बिन.......

दूर नगरी बड़ी दूर नगरी

दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
दूर नगरी बड़ी दूर नगरी
कैसे आऊं मैं कन्हाई तेरी गोकुल नगरी
रात को आऊं कान्हा डर मोहे लागे
दिन में आऊं तो कान्हा देखे सारी नगरी।।
सखी संग आऊं कान्हा शर्म मोहे लागे।
अकेली आऊं तो भूल जाऊं डगरी।।
धीरे- धीरे चलूं तो कमर मोरी लचके।
झटपट चलूं तो छलकाये गगरी।।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर।
दरश बिना मैं तो हो गई बाबरी।।


तेरा श्याम बड़ा अलबेला

तेरा श्याम बड़ा अलबेला
तेरा श्याम बड़ा अलबेला
मेरी मटकी में मार गयो डेला,
कभी गंगा के बीच कभी जमुना के बीच
कभी सरयू नहाए अकेला, तेरा.......
कभी गोपिन के बीच कभी ग्वालों के बीच
कभी राधा के संग अकेला, तेरा.......
कभी रूक्मिणी के संग, कभी दामा के संग
कभी संतों के संग अकेला, तेरा.......
तेरा श्याम बड़ा अलबेला
मेरी मटकी में मार गयो डेला,

मिला दो श्याम से ऊधौ तेरा गुन हम भी गायेंगे

मिला दो श्याम से ऊधौ मिला दो श्याम से ऊधौ तेरा गुन हम भी गायेंगे। गोकुल को छोड़कर जब से गए वापिस नहीं आये। खता क्या हो गई हमसे अरज अ...